क्या कोचिंग संस्थान के बिना भी IAS में सफल हो सकते हैं ?




आज के ग्रामीण और सामान्य परिस्थितियों वाले छात्रों के मन में केवल एक ही सवाल रहता है कि क्या बिना कोचिंग की मदद लिए भी आईएएस बन सकते हैं ? तो हाँ बिलकुल आप बन सकते हो ... कोई कोचिंग संस्थान छात्रों को आईएएस बनाता नहीं है बल्कि सिर्फ उनका काम आसान कर देता है ....पहले भी छात्र बिना कोचिंग संस्थान के सफल होते रहे हैं और आज भी हो रहे हैं ...बस जरुरत होगी आपको कुछ अलग रणनीति की थोड़ा अधिक मेहनत की और एक कुशल मार्गदर्शक की ! 
आज हर छात्र सोचता है की दिल्ली में लाखों छात्र कोचिंग कर रहे हैं तो फिर हम कैसे ? तो छात्रों ये आपकी सोच बिलकुल गलत है दिल्ली में कोचिंग कर रहे छात्रों में भी केवल 20 से 25 प्रतिशत ही ठीक तरह से तयारी कर रहे हैं और बाकि तो सब टाइम पास ......

कोचिंग कोई सफलता की घुंटी नहीं देता वो तो आपका खुद का परिश्रम है ....अगर आप कोचिंग ले पाने में सक्षम नहीं हैं तो कोई बात नहीं ..दोस्तों मुसाफिर कई तरह के होते है कोई कार से , कोई प्लेन से , और कोई पैदल अपने सफर को तय करता है ...बस अंतर इतना है कि कोई जल्दी सफल हो जाता है और किसी को थोड़ा देर लगती है पर मंजिल तो तीनो को मिलेगी ना ...तो फिर डर किस बात का ...आप र!स्ते में खड़े होकर कार कि गति को क्यों देख रहे हो खुद भी चलो खुद ब खुद फासले कम हो जायेंगे ..

आप खुद से तैयारी कीजिये कैसे वो मैं बताता हु ......सबसे पहले आईएएस के पाठ्यक्रम को ठीक तरह समझिए ....फिर अपनी पूरी तैयारी का समय निर्धारित कर लीजिये की आपको कितने वर्ष में सफल हो जाना चाहिए ....अब एक मार्गदर्शक को चुनिए ...चाहे वो आपका पारिवारिक सदस्य हो , दोस्त हो , टीचर हो या कोई अन्य ! हाँ मार्गदर्शक किसी ऐसे व्यक्ति को चुनियेगा जिस पर आप यकीन कर सके .....आप सभी बुक्स उनसे पूछिये बस और अपना काम शुरू कर दीजिये ......दोस्तों पढ़ना आपको ही है ....कोचिंग कुछ भी नहीं करता सिर्फ आपका काम आसान करता है वो एक मार्गदर्शक भी कर सकता है ! दोस्तों कोचिंग की नोट्स तो बाजार में भी मिल सकती हैं ....पर मेहनत तो आपको करनी है न .......


सिविल सेवा की तैयारी में लगे अभ्यर्थियों के सामने ये बहुत बार सवाल उठता है की कोचिंग करे या न करे, करे तो किस कोचिंग में जाएँ? हर साल UPSC  के रिजल्ट के बाद पेपर-पत्रिकाओं  में कोचिंग संस्थाओं के बड़े -बड़े विज्ञापनों की टैग लाइन होती है-" सफलता का पर्याय, इस बार के सफल अभ्यर्थियों में आधे से ज्यादा हमारी कोचिंग से, टॉप 50 और टॉप 100  में हमारे इतने छात्र इत्यादि".  क्या वाकई ऐसा है, क्या कोचिंग सफलता दिलाने में इतने अहम् हैं, क्या कोचिंग के बिना सफलता प्राप्त नही की जा सकती, क्या सारे TOPPERS  जिनके बारे में कोचिंग संस्थान दावा करते हैं, उन्होंने उनके यहाँ से कोचिंग की होती है?




आप खुद देख सकते हैं की हर साल के रिजल्ट के बाद टॉप 50 -100 की सूची में आने वाले अधिकांश छात्रों की सफलता के दावे आपको के लिए कम-से-कम 10 -15 कोचिंग संस्थान सामने आते हैं. होता है की अपनी तैयारी के क्रम में लड़के भटकते हुए कई कोचिंग्स को Try करते हैं, सो अगर आप एक बार किसी कोचिंग में गए  और आपने अपनी फोटो के साथ उसका फॉर्म भर दिया तो फिर भले ही आपने एक दिन के बाद ही उस कोचिंग को छोड़ दिया हो, आपकी सफलता को भुनाने में वो कोचिंग पीछे नही रहेगा. कोचिंग कोई सेवा नही, शुद्ध व्यवसाय है मेरे भाई और ये व्यवसाय अभी करोडो का है. कोचिंग की फ़ीस को देखो तो 50000 से लेकर एक लाख या उससे भी ज्यादा चार्ज करने वाले कोचिंग आपको दिख जायेंगे.

खैर, मूल प्रश्न पर वापस लौटे, 'क्या कोचिंग किसी को आईएस बना सकते हैं?' मेरा मानना है- नहीं. जब तक आपके अन्दर वो जज्बा और जूनून नही होगा तब तक कुछ नही हो सकता. और अगर कोई बन्दा आपने भाग्य के सहारे पूरी तरह कोचिंग के सहारे आईएस बन भी जाता है तो वो आपने करियर में क्या करेगा, राम जाने. आइयें, लगे हाथो कोचिंग के लाभ और घटे पर एक निष्पक्ष विश्लेषण कर ले-

कोचिंग के लाभ-
१. अगर विज्ञान विषयों का कोई छात्र किसी बिलकुल नए मानविकी विषय को अपनाता है तो प्राम्भ में कोचिंग उसे थोड़ी मदद पहुंचा सकते हैं.
२. अगर किसी छात्र ने परीक्षा के बारे में जानने का अपना बेसिक होम वर्क पूरा नही किया है तो यह जानकारी उसे कोचिंग से मिल सकती है.
३. अगर छात्र किसी अन्तःप्रेरणा से नही बल्कि घर-समाज के दवाब में इस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो कोचिंग इस परीक्षा के प्रति रुझान बनाने में उनकी मदद कर सकते हैं.
४. कोचिंग आपको एक ग्रुप से मिलाते हैं जो आपकी तरह ही आशंकाओं-आशाओं-निराशाओं के झूले में झूलता इस परीक्षा की तैयारी में लगा है.
५. कोचिंग कुछ रोमांटिक अभ्यर्थियों को लव stories बनाने के मौके भी देते हैं.

कोचिंग के नुक्सान -
१. कोचिंग आपके अभिभावकों की जेब पर एक अच्छा-खासा बोझ डालते हैं. कोचिंग ज्यादातर दिल्ली या बड़े शरों में केन्द्रित हैं सो छात्र दूर-दराज से दिल्ली में आकर छोटे-छोटे कमरों में अस्वास्थ्यकर जीवन बिताते हुए चिंता-तनाव-अवसाद की दुनिया में जीते हुए इसकी तैयारी करते हैं.
२. कोचिंग आपको शोर्ट-कट की आदत लगाते हैं, और याद रखे की यदि जिन्दगी में कुछ बड़ा करना है तो शोर्ट-कट से बचते हुए आपने रस्ते खुद तैयार करने चाहिए.
३. UPSC अपनी तरफ से कोचिंग को बढ़ावा न देने के लिए हर संभव कदम उठती है. हर साल प्रश्नपत्रों की बदलती प्रकृति  से आप देख सकते हैं की कोई भी कोचिंग इस बात का दावा नही कर सकती की क्या पूछ जा सकता है.
४. कोचिंग का एक सबसे बार घाटा है की  एक जैसे नोट्स से सैकड़ो लड़के जब परीक्षा में लिखेंगे तो अनुभवी examinor उनके नंबर काटने में कोई हिचकिचाहट नही करते हैं.
५. कोचिंग आपको स्तरीय किताबों की जगह नोट्स पढने की आदत लगाते हैं, एक्साम की बदलती प्रकृति के मद्देनजर यह बात आपकी सफलता के लिए खतरनाक हो सकती है.


अगर कोचिंग करनी ही पर जाये तो-
१. कोचिंग के नोट्स पे पूरी तरह depend नही करे, उनको सहायक सामग्री की तरह इस्तेमाल करते हुए आपने विशिष्ट नोट्स तैयार करे.
२. अपनी रचनात्मकता और विशिष्टता को कोचिंग की भीड़ में नही खोने दे.



अगर आप कोचिंग लेने में असमर्थ है तो कोई बात नहीं ....बस ये देखिये की आपका लक्ष्य मजबूत है न ...आपके इरादे पक्के हैं ना ? दोस्तों कोचिंग करने वाले छात्र के परिवार को एक उम्मीद रहती है कि वो कर लेगा.....पर आप अपनी मेहनत इतनी शांति से करो कि उसकी सफलता सभी को आश्चर्यचकित कर दे ......

आप अपने सपनो का उल्लेख हर किसी के सामने मत कीजिये ...
क्योकि सामने वाले की औकात भी होनी चाहिए कि वो आपके बहुमूल्य सपनो को समझ सके ...........
दीजिये अपने जीवन को एक नयी शुरुआत .....
और लिख दीजिये मेहनत की कलम से सफलता की एक ऐसी इबारत की जो आपको एक नयी ऊंचाइयों पर ले जाये ......

                " गगन को झुका के धरा के चरणों पर धर सकता है
                  इन्सान ठान ले तो फिर क्या नही कर सकता है. "



साभार -  शरद तिवारी "निशब्द"  
               केशवेन्द्र सर  
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10 टिप्‍पणियां:

  1. Dharmendra Jakhar10/09/2015

    thanks a lot of u for guide us

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  2. Vandana Soni10/09/2015

    बहुत अच्छी और सटीक बात कही है सर.......कृपया आगे भी अपने अनुभवों से लाभान्वित करते रहिएगा....आपको बहुत-२ धन्यवाद....कृपया इन्टरव्यू के सन्दर्भ में भी अपने अनुभव साझा कीजिये सर...

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  3. Kamlesh Verma10/09/2015

    Aapka likha ek ek word pratiyogio ke best he.apke likhe ek ek word ko apne jahan me utar le to mehnat or kismat ka sikka jab bhi uchle ga to head or tail dono apne honge

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  4. thanks sir aapne mera kam or bhi asaan kar diya aaj me yahi paresani se gujar rahi hu kyonki job ke sath coaching or khud padna aaj mere liye bahut muskil tha lekin apka artical pad ke mujhe apne aap per bharosa hai ke me khud apni mehnat se aage jaungi. thank you so much sir lekin kya job ke sath sath yah smbhav hai....?

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  5. Ty sir.... Ab confidence aagya h Ki with out coaching bhi success mil skti h bs mehnat hi too krni h.... Ty shoo much...

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Thank You