भारत के राज्यों का भूगोल (States of India Geography in Hindi)



1.अरुणाचल प्रदेश  -  अरुणाचल प्रदेश का अधिकतर भाग हिमालय से ढका है, लेकिन लोहित, चांगलांग और तिरप पतकाई पहाडि़यों में स्थित हैं। काँग्तो, न्येगी कांगसांग, मुख्य गोरीचन चोटी और पूर्वी गोरीचन चोटी इस राज्य में हिमालय की सबसे ऊंची चोटियाँ हैं। तवांग का 'बुमला दर्रा' सन् 2006 में 44 वर्षों में पहली बार व्यापार के लिए खोला गया था और व्यापारियों को एक दूसरे के क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति दी गई थी।

2.असम  -  भू-आकृति: मैदानी इलाक़ों एवं नदी घाटियों वाले असम को तीन प्रमुख भौतिक क्षेत्रों में विभाजित किया गया है- उत्तर में ब्रह्मपुत्र नदी घाटी, दक्षिण में बरक नदी घाटी एवं कार्बी तथा आलंग ज़िलों के पर्वतीय क्षेत्र और इन दोनों घाटीयों के मध्य स्थित उत्तरी कछार की पहाड़ियाँ। ब्रह्मपुत्र नदी घाटी असम का प्रमुख भौतिक क्षेत्र है। यह नदी असम के पूर्वोत्तर सिरे पर सादिया के पास प्रवेश करती है, फिर पश्चिम में पूरे असम में लगभग 724 किमी. लंबे मार्ग में प्रवाहित होकर दक्षिण की ओर मुड़कर बांग्लादेश के मैदानी इलाक़ों में चली जाती है। ब्रह्मपुत्र नदी घाटी, छोटी एकल पहाड़ियों और मैदानी इलाक़ों में अचानक उठते शिखरों, जिनकी चौड़ाई 80 किमी. से ज़्यादा नहीं है, से भरी हुई है। पश्चिम दिशा को छोड़कर बाक़ी सभी दिशाओं में यह पर्वत्तों से घिरी हुई है। पड़ोस की पहाड़ियों से निकली कई जलधाराओं एवं उपनदियों का जल इसमें समाहित होता है। बरक नदी घाटी दक्षिण-पूर्व दिशा में विस्तृत निम्न भूमि के क्षेत्र की संरचना करती है, जो कृषि के लिए महत्त्वपूर्ण है एवं इससे अपेक्षाकृत सघन बसी जनसंख्या को मदद मिलती है, हालांकि इस घाटी का एक छोटा सा ही हिस्सा राज्य के सीमाक्षेत्र में है।

3.आंध्र प्रदेश  -  आंध्र प्रदेश राज्य में तीन प्रमुख भौतिक-भौगोलिक क्षेत्र हैं:- पूर्व में तटीय मैदान, जो बंगाल की खाड़ी से लेकर पर्वतश्रेणियों तक फैला है; पर्वतश्रेणियाँ अर्थात पूर्वी घाट, जो तटीय मैदानों का पश्चिमी पार्श्व बनाते हैं; घाट के पश्चिम से पूर्व में पठार।

4.ओडिशा  -  उड़ीसा राज्य 17.780 और और 22.730 अक्षांश और 81.37पूर्व और 81.53 पूर्व देशांतर के बीच पड़ता है। भौगोलिक रूप से यह राज्य उत्तर-पूर्व में पश्चिम बंगाल, उत्तर में झारखंड, पश्चिम में छत्तीसगढ़ और दक्षिण मेंआंध्र प्रदेश और पूर्व में बंगाल की खाड़ी से घिरा हुआ है।

5.उत्तर प्रदेश  -  उत्तर प्रदेश के प्रमुख भूगोलीय तत्व इस प्रकार से हैं- भू-आकृति - उत्तर प्रदेश को दो विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्रों, गंगा के मध्यवर्ती मैदान और दक्षिणी उच्चभूमि में बाँटा जा सकता है। उत्तर प्रदेश के कुल क्षेत्रफल का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा गंगा के मैदान में है। मैदान अधिकांशत: गंगा व उसकी सहायक नदियों के द्वारा लाए गए जलोढ़ अवसादों से बने हैं। इस क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में उतार-चढ़ाव नहीं है, यद्यपि मैदान बहुत उपजाऊ है, लेकिन इनकी ऊँचाई में कुछ भिन्नता है, जो पश्चिमोत्तर में 305 मीटर और सुदूर पूर्व में 58 मीटर है। गंगा के मैदान की दक्षिणी उच्चभूमि अत्यधिक विच्छेदित और विषम विंध्य पर्वतमाला का एक भाग है, जो सामान्यत: दक्षिण-पूर्व की ओर उठती चली जाती है। यहाँ ऊँचाई कहीं-कहीं ही 305 से अधिक होती है।

6.उत्तराखण्ड  -  उत्तराखण्ड राज्य का क्षेत्रफल 53,484 वर्ग किमी. और जनसंख्या 8,479,562 (2001 की जनगणना के अनुसार) है। उत्तराखण्ड भारत के उत्तर - मध्य भाग में स्थित है। यह पूर्वोत्तर में तिब्बत, पश्चिमोत्तर में हिमाचल प्रदेश, दक्षिण - पश्चिम में उत्तर प्रदेश और दक्षिण - पूर्व में नेपाल से घिरा है। उत्तराखण्ड का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 28° 43’ उ. से 31°27’ उ. और रेखांश 77°34’ पू. से 81°02’ पू के बीच में 53,483 वर्ग किमी है, जिसमें से 43,035 कि.मी. पर्वतीय है और 7,448 कि.मी. मैदानी है, तथा 34,651 कि.मी. भूभाग वनाच्छादित है। राज्य का अधिकांश उत्तरी भाग वृहद्तर हिमालय शृंखला का भाग है, जो ऊँची हिमालयी चोटियों और हिमनदियों से ढ़्का हुआ है, जबकि निम्न तलहटियाँ सघन वनों से ढ़की हुई हैं जिनका पहले अंग्रेज़ लकड़ी व्यापारियों और स्वतन्त्रता के बाद वन अनुबन्धकों द्वारा दोहन किया गया।

7.कर्नाटक  -  भौतिक रूप से कर्नाटक को चार भिन्न क्षेत्रों में बांटा गया है- समुद्रतटीय मैदान, पर्वत श्रेणियाँ (पश्चिम घाट), पूर्व में स्थित कर्नाटक का पठार और पश्चिमोत्तर में कपास उत्पाक काली मिट्टी का क्षेत्र। समुद्रतटीय मैदान मालाबार तट का विस्तार हैं और यहाँ जून से सितंबर तक दक्षिण-पश्चिम मॉनसून से भारी वर्षा होती है। तट पर स्थित रेत के टीले भूमि की ओर बढ़ते हुए छोटे जलोढ़ मैदानों में बदल जाते हैं, जिनमें नारियल के वृक्षों से घिरे अनूप(लैगून) हैं। समुद्र के अलावा अन्य किसी भी मार्ग से तट पर पहुँचना मुश्किल है। पूर्व में पश्चिमी घाट की ढलानों के रूप भूमि तेज़ी से उठती है, जहाँ समुद्र तल से औसत ऊँचाई 760- 915 मीटर है।



8.केरल  -  केरल के पूर्व में ऊंचे पश्चिमी घाट और पश्चिम में अरब सागर के मध्य में स्थित इस प्रदेश की चौड़ाई 35 किमी से 120 किमी तक है। भौगोलिक दृष्टि से केरल पर्वतीय क्षेत्रों, घाटियों, मध्‍यवर्ती मैदानों तथा समुद्र का तटवर्ती क्षेत्र हैं। केरल नदियों और तालाबों के सम्बंध में बहुत ही समृद्ध है।

9.गुजरात  -  गुजरात को तीन भौगोलिक क्षेत्रों में बाँटा गया है जैसे- सौराष्ट्र प्रायद्वीप- जो मूलतः एक पहाड़ी क्षेत्र है, बीच-बीच में मध्यम ऊँचाई के पर्वत हैं। कच्छ- जो पूर्वोत्तर में उजाड़ और चट्टानी है। विख्यात कच्छ का रन इसी क्षेत्र में है। गुजरात का मैदान- जो कच्छ के रन और अरावली की पहाड़ियों से लेकर दमन गंगा तक फैली है। गुजरात की सबसे ऊँची चोटी गिरिनार पहाड़ियों में स्थित गोरखनाथ की चोटी है, जो 1117 मीटर ऊँची है। गुजरात की जलवायु ऊष्ण प्रदेशीय और मानसूनी है। वर्षा की कमी के कारण इस प्रदेश में रेतीली और बलुई मिट्टी पायी जाती है। प्रदेश में पूर्व की ओर उत्तरी गुजरात में वर्षा की मात्र 50 सेमी तक होती है। इसके दक्षिण की ओर मध्य गुजरात में मिट्टी कुछ अधिक उपजाऊ है तथा जलवायु भी अपेक्षयता आर्द्र है। वर्षा 75 सेमी तक होती है। नर्मदा, ताप्ती, साबरमती, सरस्वती, माही, भादर, बनास, और विश्वामित्र इस प्रदेश की सुपरिचित नदियाँ हैं। कर्क रेखा इस राज्य की उत्तरी सीमा से होकर गुजरती है, अतः यहाँ गर्मियों में खूब गर्मी तथा सर्दियों में खूब सर्दी पड़ती है। शहरीकरण की प्रक्रिया ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न कुछ स्वरूप धारण किए हैं। राज्य का सर्वाधिक शहरीकृत क्षेत्र अहमदाबाद-वडोदरा औद्योगिक पट्टी है। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-8 के किनारे उत्तर में ऊंझा से दक्षिण में वापी के औद्योगिक मैदान में एक वृहदनगरीय क्षेत्र[1] उभर रहा है। सौराष्ट्र कृषि क्षेत्र में क्रमिक बसाव प्रणाली को देखा जा सकता है, जबकि उत्तर और पूर्व के बाह्य क्षेत्रों में बिखरी हुई छोटी-छोटी बस्तियाँ हैं, जो शुष्क, पर्वतीय या वनाच्छादित क्षेत्र हैं। आदिवासी जनसंख्या इन्हीं सीमांत अनुत्पादक क्षेत्रों में केंद्रित है।

10.गोवा  -  105 किलोमीटर समुद्री तट वाले गोवा में रेतीले तट, मुहाने व अंतरीप हैं। इसके भीतरी हिस्से में निचले पठार और लगभग 1,220 मीटर ऊँचे पश्चिमी घाटों (सह्यद्रि) का एक हिस्सा है। गोवा की दो प्रमुख नदियाँ, मांडोवी व जुआरी, के मुहाने में गोवा का द्वीप (इल्हास) स्थित है। इस त्रिकोणीय द्वीप का शीर्ष अंतरीप एक चट्टानी मुहाना है, जिस पर दो लंगरगाह हैं। यहाँ पर तीन शहर मर्मगाव या मार्मुगाव (वास्को द गामा सहित) मडगाँव और पणजी (नवगोवा) हैं।

11.छत्तीसगढ़  -  छत्तीसगढ़ राज्य मध्य प्रदेश के दक्षिण-पूर्व में 17°46' उत्तरी अक्षांश से 24°5' उत्तरी अक्षांश तथा 80°15' पूर्वी देशांतर से 84°15' पूर्वी देशांतर रेखाओं के मध्य स्थित है। छत्तीसगढ़ का कुल भौगोलिक क्षेत्रअफल 1,35,194 वर्ग किमी. है। इसकी उत्तरी-दक्षिण लम्बाई 360 किमी. तथा पूर्व-पश्चिम चौड़ाई 140 किमी. है। छत्तीसगढ़ के उत्तर में उत्तर प्रदेश, उत्तरी-पूर्वी सीमा में झारखण्ड, दक्षिण-पूर्व में ओडिशा राज्य स्थित है। दक्षिण में आन्ध्र प्रदेश, दक्षिण-पश्चिम में महाराष्ट्र तथा उत्तरी-पश्चिम भाग में मध्य प्रदेश स्थित है।

12.जम्मू और कश्मीर  -  जम्मू और कश्मीर पूर्वात्तर में सिंक्यांग का स्वायत्त क्षेत्र व तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र (दोनों चीन के भाग) से, दक्षिण में हिमाचल प्रदेश व पंजाब राज्यों से, पश्चिम में पाकिस्तान और पश्चिमोत्तर में पाकिस्तान अधिकृत भूभाग से घिरा है। स्थिति: जम्मू और कश्‍मीर राज्‍य 32-15 और 37-05 उत्तरी अक्षांश और 72-35 तथा 83-20 पूर्वी देशांतर के बीच स्थित है। भौगोलिक रूप से इस राज्‍य को चार क्षेत्रों में बांटा जा सकता है। पहाड़ी और अर्द्ध-पहाड़ी मैदान जो कंडी पट्टी के नाम से प्रचलित है; पर्वतीय क्षेत्र जिसमें शिवालिक पहाड़ियाँ शामिल हैं; कश्मीर घाटी के पहाड़ और पीर पांचाल पर्वतमाला तथा तिब्‍बत से लगा लद्दाख और कारगिल क्षेत्र।

13.झारखण्ड  -  झारखण्ड 21°58'10" उत्तरी अक्षांश से 25°19'15" उत्तरी अक्षांश तथा 83°20'50" पूर्वी देशांतर 88°4'40" पूर्वी देशांतर के मध्य विस्तृत है। झारखण्ड का कुल क्षेत्रफल 79,714 वर्ग किमी. जो भारत के कुल क्षेत्रफल का 2.4 प्रतिशत है। झारखण्ड के पूर्व में पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़, उत्तर में बिहार तथा दक्षिण में उड़ीसा से घिरा हुआ है।

14.तमिलनाडु  -  तमिलनाडु राज्य प्राकृतिक रूप से पूर्वी तट पर समतल प्रदेश तथा उत्तर और पश्चिम में पहाड़ी क्षेत्रों के बीच विभाजित है। पूर्वी मैदान का सबसे चौड़ा हिस्सा उपजाऊ कावेरी के डेल्टा पर है और आगे दक्षिण मेंरामनाथपुरम और मदुरै के शुष्क मैदान हैं। राज्य के समूचे पश्चिमी सीमांत पर पश्चिमी घाट की ऊँची शृंखला फैली हुई है। पूर्वी घाट की निचली पहाड़ियाँ और सीमांत क्षेत्र, जो स्थानीय तौर पर जावडी, कालरायण और शेवरॉय कहलाते हैं, प्रदेश के मध्य भाग की ओर फैले हैं।

15.त्रिपुरा  -  मध्य एवं उत्तरी त्रिपुरा एक पहाड़ी क्षेत्र है, जिसे पूर्व से पश्चिम की ओर चार प्रमुख घाटियाँ, धर्मनगर, कैलाशहर, कमालपुर और खोवाई, काटती हैं। ये घाटियाँ उत्तर की ओर बहने वाली नदियों (जूरी, मनु व देव, ढलाई और खोवाई) द्वारा निर्मित हैं। पश्चिम व दक्षिण की निचली घाटियाँ खुली व दलदली हैं, हालांकि दक्षिण में भूभाग बहुत अधिक कटा हुआ और घने जंगलों से ढका है। उत्तर से दक्षिण की ओर उन्मुख श्रेणियाँ घाटियों को अलग करती हैं।

16.दिल्ली  -  दिल्ली एक जलसंभर पर स्थित है। जो गंगा तथा सिंधु नदी प्रणालियों को विभाजित करता है। दिल्ली की सबसे महत्त्वपूर्ण स्थालाकृति विशेषता पर्वत स्कंध (रिज) है, जो राजस्थान प्रांत की प्राचीन अरावली पर्वत श्रेणियों का चरम बिंदु है। अरावली संभवत: दुनिया की सबसे पुरानी पर्वत माला है, लेकिन अब यह पूरी तरह वृक्ष विहीन हो चुकी है। पश्चिमोत्तर पश्चिम तथा दक्षिण में फैला और तिकोने परकोट की दो भुजाओं जैसा लगने वाला यह स्कंध क्षेत्र 180 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। कछारी मिट्टी के मैदान को आकृति की विविधता देता है तथा दिल्ली को कुछ उत्कृष्ट जीव व वनस्पतियाँ उपलब्ध कराता है। यमुना नदी त्रिभुजाकार परकोटे का तीसरा किनारा बताती है। इसी त्रिकोण के भीतर दिल्ली के प्रसिद्ध सात शहरों की उत्पत्ति ई.पू. 1000 से 17 वीं शताब्दी के बीच हुई।



17.नागालैंड  -  नागालैंड का लगभग समूचा हिस्सा पर्वतीय है। उत्तर में नागा पहाड़ियाँ ब्रह्मपुत्र घाटी से अचानक लगभग 610 मीटर की ऊंचाई तक उठती हैं और उसके बाद दक्षिण-पूर्व दिशा में इनकी ऊंचाई 1,800 मीटर तक हो जाती है, म्यांमार सीमा के पास ये पहाड़ियां पटकई शृंखला से मिल जाती हैं और यहाँ इनकी सबसे ऊंची चोटी माउंट सारामती है, जिसकी ऊंचाई 3,826 मीटर है।

18.पंजाब  -  भू-आकृति: पंजाब का अधिकांश हिस्सा समतल मैदानी है, जो पूर्वोत्तर में समुद्र तल से लगभग 275 मीटर से दक्षिण-पश्चिम में लगभग 168 मीटर की ऊँचाई की अनुवर्ती ढलान वाला है। भौतिक रूप से इस प्रदेश को तीन हिस्सों में बाँटा जा सकता है। पूर्वोत्तर में 274-914 मीटर की ऊँचाई पर स्थित शिवालिक पहाड़ियाँ राज्य का बहुत ही छोटा हिस्सा हैं। दक्षिण में शिवालिक पहाड़ियाँ संकरे और लहरदार तराई क्षेत्र के रूप में फैली हुई हैं, जिनसे होकर कई मौसमी धाराएँ बहती हैं।


19.पश्चिम बंगाल  -  पश्चिम बंगाल राज्‍य के पूर्व में बांग्लादेश, पश्चिम में नेपाल, उत्तर-पूर्व में भूटान, उत्तर में सिक्किम, पश्चिम में बिहार, झारखंड, दक्षिण-पश्चिम में उड़ीसा तथा दक्षिण में बंगाल की खाड़ी है। पश्चिम बंगाल राज्य में भारतके हुगली नदी पर कोलकाता से 22 मील उत्तर चौबीस परगना ज़िले में नईहाटी नगर स्थित है।

20.बिहार  -  भू-आकृती: प्राकृतिक रूप से यह राज्य गंगा नदी द्वारा दो भागों में विभाजित है, उत्तर बिहार मैदान और दक्षिण बिहार मैदान। सुदूर पश्चिमोत्तर में हिमालय की तराई को छोड़कर गंगा का उत्तरी मैदान समुद्र तल से 75 मीटर से भी कम की ऊँचाई पर जलोढ़ समतली क्षेत्र का निर्माण करता है और यहाँ बाढ़ आने की संभावना हमेशा बनी रहती है। घाघरा, गंडक, बागमती, कोसी, महानंदा और अन्य नदीयाँ नेपाल में हिमालय से नीचे उतरती हैं और अलग-अलग जलमार्गों से होती हुई गंगा में मिलती हैं।

21.मणिपुर  -  भारत के पूर्वी सिरे पर मणिपुर राज्य स्थित है। इसके पूर्व में म्‍यांमार (बर्मा) और उत्तर में नागालैंड राज्‍य है, पश्चिम में असम राज्‍य और दक्षिण में मिज़ोरम राज्‍य है। मणिपुर का क्षेत्रफल 22,327 वर्ग किलोमीटर है। भौगोलिक रूप से मणिपुर के दो भाग हैं, पहाडियां और घाटियाँ। घाटी मध्‍य में है और उसके चारों तरफ पहाडियां हैं।

22.मध्य प्रदेश  -  मध्‍य प्रदेश दूसरा सबसे बड़ा भारतीय राज्‍य है। भौगोलिक दृष्टि से यह देश में केन्‍द्रीय स्‍थान रखता है। इसकी राजधानी भोपाल है । मध्य का अर्थ बीच में है, मध्य प्रदेश की भौगोलिक स्थिति भारतवर्ष के मध्य अर्थात बीच में होने के कारण इस प्रदेश का नाम मध्य प्रदेश दिया गया, जो कभी 'मध्य भारत' के नाम से जाना जाता था। मध्य प्रदेश हृदय की तरह देश के ठीक बीचोंबीच में स्थित है।

23.महाराष्ट्र  -  महाराष्ट्र में कई प्रकार की आकर्षक भू- आकृतियां हैं। नर्मदा नदी, जो विभ्रंश घाटी से होकर बहती हुई अरब सागर में गिरती है, राज्य की उत्तरी सीमा के एक हिस्से का निर्माण करती है। अरब सागर में ही मिलने वालीताप्ती नदी की विभ्रंश घाटी इसकी उत्तरी सीमा के दूसरे हिस्से को चिह्नित करती है। ये दो नदी घाटियाँ सतपुड़ा शृंखला नामक उत्खंड से विभक्त होती हैं। ताप्ती घाटी के दक्षिण में अरब सागर के किनारे कोंकण का तटीय क्षेत्र है, जिसके पूर्व में पश्चिमी घाट या सह्याद्रि पहाड़ियों के नाम से विख्यात कगार स्थित है।

24.मिज़ोरम  -  भूगर्भशास्त्रीय दृष्टि से मिज़ो पहाड़ियाँ अराकान आर्क का हिस्सा है जो सुसंगठित समानांतर पर्वतस्कंधों की उत्तर-दक्षिण दिशा में स्थित शृंखला है, जिसका निर्माण तृतीयक बलुआ पत्थर, चूना-पत्थर और स्लेट-पत्थर[2] से हुआ है। संकरी नदी घाटियों से विभक्त पर्वतस्कंधों की ऊँचाई 2,157 मीटर है। दक्षिण में कलादान और इसकी सहायक नदियाँ दक्षिण दिशा में बहती हुई म्यांमार में प्रवेश करती हैं, जबकि धालेश्वरी (त्लावंग) और सोनाई (तुइरेल) नदियाँ उत्तर दिशा में असम की और बहती हैं।

25.मेघालय  -  मेघालय दक्कन के पठार से राजमहल दर्रे द्वारा अलग किया हुआ एक उच्च भूखंड है। यहाँ की चट्टानें और भू-वैज्ञानिक संरचना बिहार और बंगाल के छोटा नागपुर क्षेत्र जैसी है। चट्टानें पूर्व कैंब्रियन काल की आद्य महाकल्पी शैल और ग्रेनाइट, निम्न-पुराजीवी शिलांग समूह, अपर गोंडवाना, सिलहट ट्रैप और तीसरे युग के कठोर अवसादी जमावों से बनी हुई है। इसके शिखरों की ऊँचाई 1,220 से 1,830 मीटर के बीच है।

26.राजस्थान  -  भूमि: अरावली पहाड़ियाँ राज्य के दक्षिण-पश्चिम में 1,722 मीटर ऊँचे गुरु शिखर[3] से पूर्वोत्तर में खेतड़ी तक एक रेखा बनाती हुई गुज़रती हैं। राज्य का लगभग 3/5 भाग इस रेखा के पश्चिमोत्तर में व शेष 2/5 भाग दक्षिण-पूर्व में स्थित है। राजस्थान के ये दो प्राकृतिक विभाजन हैं। बेहद कम पानी वाला पश्चिमोत्तर भूभाग रेतीला और अनुत्पादक है। इस क्षेत्र में विशाल भारतीय रेगिस्तान (थार) नज़र आता है। सुदूर पश्चिम और पश्चिमोत्तर के रेगिस्तानी क्षेत्रों से पूर्व की ओर बढ़ने पर अपेक्षाकृत उत्पादक व निवास योग्य भूमि है।

27.सिक्किम  -  सिक्किम राज्य का कुल क्षेत्रफल 7,096 वर्ग किलो मीटर है। इसका भू भाग उत्तर से दक्षिण तक 112 किलो मीटर तथा पूर्व से पश्चिम तक 64 किलोमीटर में फैला हुआ है। यह उत्तर-पूर्व हिमाचल में 27 डिग्री 00'46" से 28 डिग्री 07'48" उत्तरी अक्षांश और 88 डिग्री 00'58" से 88 डिग्री 55'25" पूर्व देशांतर के मध्य स्थित है। विश्व की तीसरी सबसे बड़ी और ऊंची चोटी 'कंचनजंगा', जिसे सिक्किम की रक्षा देवी माना जाता है, अपनी प्राकृतिक सौंदर्य की छटा बिखेरती है।

28.हरियाणा  -  हरियाणा में दो बड़े भू-क्षेत्र है, राज्य का एक बड़ा हिस्सा समतल जलोढ़ मैदानों से युक्त है और पूर्वोत्तर में तीखे ढ़ाल वाली शिवालिक पहाड़ियाँ तथा संकरा पहाड़ी क्षेत्र है। समुद्र की सतह 210 मीटर से 270 मीटर ऊंचे मैदानी इलाकों से पानी बहकर एकमात्र बारहमासी नदी यमुना में आता है, यह राज्य की पूर्वी सीमा से होकर बहती है। शिवालिक पहाड़ियों से निकली अनेक मौसमी नदियां मैदानी भागों से गुज़रती है। इनमें सबसे प्रमुख घग्घर (राज्य की उत्तरी सीमा के निकट) नदी है।

29.हिमाचल प्रदेश - हिमाचल प्रदेश पश्चिमी हिमालय के मध्य में स्थित है, इसे देव भूमि कहा जाता है। हिमाचल प्रदेश उत्तर में जम्मू और कश्मीर, पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम में दक्षिण में हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखंडतथा पूर्व में तिब्बत से घिरा है। हिमाचल प्रदेश में देवी और देवताओं का निवास स्थान माना जाता है।



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